हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण
Hath pair me kamjori lagna: आमतौर पर हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना, झनझनाहट, या जलन होना ये सभी के साथ होता है। इसे मेडिकल भाषा में “पैरेस्थेसिया” (paresthesia) कहा जाता है। आपको बता दे की यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो शरीर में होते हुवे भी न दिखाई देने वाले समस्याओ की ओर इशारा करता है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना, हाथ-पैरों में कमजोरी के कारण
हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना in hindi: “हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण” या हाथ-पैरों में कमजोरी के कारण को समझते है-
1. शरीर में विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency)
यदि किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन B12 की कमी हो जाती है तो नसों का विकास होना रुक जाता है जिसका असर हमारे शरीर पर पड़ता है। जिसके वजह से हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना, झनझनाहट और सुन्नपन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है।
सावधानियां: पुष्टि करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन्स के सप्लीमेंट लेना शुरु करे।
2. नसों पर दबाव (Nerve Compression)
शरीर में किसी चोट, सूजन, या फिर गलत पोजिशन में देर तक बैठे रहने या सोए रहने की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है। यह दबाव नसों के काम करने की क्षमता को कम करती है, जिससे शरीर का वो हिस्सा सुन्न पड़ जाता है।
उदाहरण: एक ही अवस्था में लंबे समय तक बैठे रहना (जैसे कंप्यूटर पर काम करना या लंबी यात्रा)।
3. खराब रक्त संचार (Poor Blood Circulation)
यदि शरीर के किसी अंग तक पूरी तरह से खून नहीं पहोंच पाता है तो उस जगह पर ऑक्सीजन की कमी होने लगाती है। जिस कारण से उस अंग में झनझनाहट या सुन्नपन का एहसास होने लगता है।
उदाहरण: टाइट कपड़े पहनना, पैर पर पैर चढ़ाकर लंबे समय तक बैठना।
4. टाइपिंग/दोहराव वाली गतिविधियाँ (Repetitive Strain Injury – RSI)
कलाई या उंगलियों का लगातार एक जैसा movement में इस्तेमाल (जैसे टाइपिंग, सिलाई, मोबाइल चलाना) करने से हाथो की नसों पर दबाव पड़ता है।
हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण
चलिए जानते है या हाथ-पैरों में कमजोरी के कारण से जुडी बीमारियों और उनका झनझनाहट से कनेक्शन के बारे में:

1. कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome)
सबसे कॉमन कारण है। यह हाथ और कलाई में होने वाली समस्या है। कलाई में मौजूद एक संकरी “सुरंग” (कार्पल टनल) में से गुजरने वाली मुख्य नस (मीडियन नर्व) पर दबाव पड़ने के कारण होता है।
लक्षण: अंगूठे, तर्जनी और बीच की उंगली में दर्द होना, सुन्नपन और झनझनाहट। अक्सर रात में सोते समय या सुबह उठते समय यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। टाइपिंग जैसे काम इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं।
2. डायबिटीज (Diabetes)
बहुत गंभीर कारण है। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय है हाई ब्लड शुगर है तो यह नसों को नुकसान पहुँचाती है। इसे “डायबिटिक न्यूरोपैथी” भी कहते हैं।
लक्षण: डायबिटीज होने के शुरुआती में पैरों और पंजों में दर्द, जलन और झनझनाहट शुरू होती है, जो धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगती है।
3. किडनी से जुड़ी बीमारी (Kidney Disease)
कनेक्शन: यदि किडनी मुख्य रूप से स्वस्थ नहीं हो तो, किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थो को अच्छे तरीके से फ़िल्टर करके बहार नहीं निकाल पाती है जिस वजह से टॉक्सिन्स जमा होने लगते है जो की नसों को नुकसान पहुंचा सकते है और झनझनाहट होने की समस्या बढ़ सकती है।
4. गर्भावस्था (Pregnancy)
कनेक्शन: महिलाओ में गर्भावस्था के समय में शरीर में पानी की मात्रा (fluid retention) पहले के अपेछा बढ़ जाती है, खासकर कलाई (कार्पल टनल) और पैरो में। जो की सामान्य रूप से डिलीवरी होने के बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
5. गठिया (Arthritis)
कनेक्शन: कुछ ऐसे भी गठिया होते है जिनके होने से जोड़ो में सूजन आने लगती है (जैसे रुमेटाइड अर्थराइटिस), जोड़ो में होने वाली इस सूजन का आस पास की नसों पर दबाव पड़ सकती है, जिस वजह से झनझनाहट होने की संभावना बढ़ जाती है।
निष्कर्ष: अब क्या करें? (Conclusion: What to Do Next?)
- याद रखें, झनझनाहट का अस्थायी होना सामान्य है। (जैसे पैर दब जाने पर)
- यदि यह समस्या लम्बे समय तक लगातार बनी रहती है, जो की बिना किसी स्पष्ट कारण के होती रहती है, या इसके साथ-साथ मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में दिक्कत, या दर्द भी होता रहता है, तो बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से सलाह ले और सही इलाज करे।
- डॉक्टर से परामर्श करने पर वह आपकी पूरी जांच करके सही कारण का पता लगाएंगे। जिसके लिए वे कुछ ब्लड टेस्ट (शुगर, विटामिन लेवल) या EMG/NCV (नर्व्स की जांच) कराने की सलाह दे सकते हैं।
सबसे जरूरी बात: घर पर ही “हाथ-पैरों में कमजोरी का कारण” का इलाज (Self-Diagnosis) न करें। शरीर में होने वाले ये लक्षण कई बीमारियों में common होते हैं, इसलिए किसी विशेषज्ञ (न्यूरोलॉजिस्ट या जनरल फिजिशियन) से परामर्श लेना ही सही निर्णय है।
आशा करते है की यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
“हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होने के कुछ घरेलु उपाय
हाथ-पैरों में झनझनाहट (hath pair me kamjori lagna) और कमजोरी से तुरंत राहत पाने के यहाँ कुछ सुरक्षित और आजमाए हुए घरेलू उपाय दिए गए हैं।

ध्यान रखें: ये उपाय लक्षणों से कुछ समय के लिए राहत देने और समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए हैं। ये किसी डॉक्टर द्वारा ली गई या समस्या (हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना) को जड़ से ख़तम करने का उपाय नहीं हैं।
तुरंत आराम के लिए घरेलू नुस्खे (Immediate Home Remedies)
1.सही पोज़िशन बदलें (Change Your Position)
- क्यों? झनझनाहट अक्सर एक ही अवस्था में देर तक बैठे या सोए रहने के वजह से नसों पर दबाव पड़ने के कारण होती है।
- कैसे? जिस अंग में झनझनाहट हो रही है, उसे बीच-बीच में हिलाते-डुलाते रहे। खड़े हो जाएं, थोड़ा टहल लें, या हाथ-पैरों की सिंपल स्ट्रेचिंग करें।
2.सिंपल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Simple Stretching Exercises)
- कलाई स्ट्रेच: अपनी एक हाथ की उंगलियों को दूसरे हाथ से पकड़कर, हथेली को बाहर की ओर धीरे से खींचते हुवे 30 सेकंड तक होल्ड करें रखे।
- टखना और पंजा घुमाएं: बैठे-बैठे अपने पैरों के टखनों को घड़ी की दिशा और विपरीत दिशा में बार-बार घुमाएं। पंजों को ऊपर-नीचे करें। ऐसा करने से रक्त संचार तेज होता है।
- कंधे घुमाएं: कंधों को पीछे और ऊपर-नीचे की दिशा में बार-बार घुमाएं। इससे गर्दन और कंधों की नसों के दबाव में आराम मिलता है।
3.सही मसाज (Gentle Massage)
- क्यों? मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन और बेहतर होता है जिससे नसों का दबाव कम होता है।
- कैसे? नारियल, सरसों या जैतून के हल्के गुनगुने तेल से उस (जहा झुनझुनी होती हो) अंग की हल्के हाथों से मालिश करें। ऊपर से नीचे की ओर हल्के हाथ के साथ मसाज करें।
4.हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)
- क्यों? हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) है। यह नसों की सूजन कम करने में मदद कर सकता है।
- कैसे? एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी अच्छे से मिक्स करके सेवन करे।
5.अदरक की चाय (Ginger Tea)
- क्यों? अदरक का सेवन भी ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और सूजन कम करने में मददगार है।
- कैसे? एक कप गर्म पानी में अदरक के छोटे टुकड़े उबालकर या चाय बना कर सेवन कर सकते है।
बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes for Prevention)
संतुलित आहार का सेवन(Balanced Diet): अपने खाने में विटामिन B12, B6, और विटामिन D से भरपूर चीजें शामिल करें। जैसे – दही, दूध, अंडा, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स आदि।
खूब पानी पिएं (Stay Hydrated): शरीर में पानी की कमी होने से भी कभी-कभी ऐंठन और अन्य समस्याएं पैदा हो सकती है।
नियमित व्यायाम (Regular Exercise): रोजाना 30 मिनट पैदल चले, योगा या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना सुरु करे। इससे पूरे शरीर में रक्त संचार अच्छे से होती है।
अपनी workspace को ठीक करें (Ergonomics): यदि आपको लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना पड़ता हैं, तो अपनी कुर्सी और टेबल की ऊंचाई को आरामदायक रखें। कलाई को सपोर्ट देने वाली माउस पैड और कीबोर्ड का use करें। बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें।
शराब और धूम्रपान से बचें (Avoid Alcohol & Smoking): ये शरीर में रक्त संचार को बिगड़ते है जिससे नसों को भारी नुकसान सहना सकता हैं।
सबसे जरूरी सलाह:
अगर इन उपायों को आजमाने के बाद भी आपके शरीर में झनझनाहट बार-बार होती है, बढ़ती जा रही है, या इसके साथ तेज दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या चलने-फिरने में दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है,
तो तुरंत अपने किसी जदीकी डॉक्टर (Physician Neurologist) से संपर्क करें। ये लक्षण शरीर में किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं, जिसके लिए “हाथ-पैरों में कमजोरी की दवा” लेना जरूरी है।
हाथ-पैर में झनझनाहट से जुड़े FAQ
“हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण” से जुड़े question कुछ इस प्रकार है-
Q1: झनझनाहट का सबसे आम कारण क्या है?
A: नस दबना, जो की एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहने से होता है।
Q2: क्या विटामिन की कमी से ऐसा होता है?
A: हां, खासकर विटामिन B12 की कमी से नसों को हानि हो सकता है।
Q3: कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है?
A: यह कलाई की नस दबने के वजह से होता है, जिससे हाथ और उंगलियों में झुनझुनी होती है।
Q4: डायबिटीज का क्या connection है?
A: हाई ब्लड शुगर में नसे कमजोर होने लगती है, जिससे पैरों में झनझनाहट शुरू हो सकती है।
Q5: कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
A: अगर झुनझुनी बार-बार हो या लगातार बनी रहे और उसके साथ कमजोरी भी महसूस (हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना) हो तो बिना देर किये डॉक्टर को दिखाए हाथ-पैरों में कमजोरी की दवा लेना शुरू करे।
किडनी की बीमारी के 10 संकेत जिन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
किडनी की बीमारी के 10 संकेत जिन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
Tata Nexon VS Mahindra 3XO: की पूरी तुलना | nexon से भी ज्यादा फाचर्स और अच्छी कीमत SUV 3XO
Pingback: Tata Nexon VS Mahindra 3XO: की पूरी तुलना | Nexon से भी ज्यादा फाचर्स और अच्छी कीमत SUV 3XO