किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत जिन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

किडनी की बीमारी के 10 संकेत: शुरुआत में ही पहचानें और सतर्क हो जाएं

10 signs of kidney disease: किडनी हमारे शरीर का वो हिस्सा है जिसके बिना मनुस्य का हैल्दी जीवन संभव नहीं है। ये छोटे सेम के आकार के होते है, जो मुख्य रूप से शरीर के रक्त को फिल्टर करके, विषैले पदार्थों को शरीर से बहार करता है, हार्मोन का निर्माण भी किडनी से होता है और शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन भी बनाये रखता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम करना बंद कर दे या संतुलन बिगड़ जाये तो शरीर में धीरे धीरे विषाक्त पदार्थ भरने लगता है।

चिंताजनक बात यह है की किडनी की बीमारी (Kidney Disease) “अक्सर साइलेंट” किलर की तरह होती है, जिससे शुरुआती दिनो में इस बीमारी के लक्षण इतने हल्के होते है की लोगो को पता नहीं लग पता है और बहोत लोग इसे नजरअंदाज कर देते है, ऐसे में यह रोग गंभीर रूप ले लेती है।

इसलिए किडनी की बीमारी के 10 संकेत को पहचाना बेहद जरुरी है। आइए जानते हैं किडनी की बीमारी के 10 प्रमुख संकेतों के बारे में विस्तार से।

किडनी की बीमारी के 10 संकेत
किडनी की बीमारी के 10 संकेत: 10 signs of kidney disease

1. थकान और कमजोरी का बने रहना

क्या है? हमेशा थका-थका महसूस करना, ऊर्जा की कमी, एकाग्रता में कमी।

क्यों होता है? स्वस्थ किडनी हमारे शरीर में एक हार्मोन EPO (Erythropoietin) बनाती हैं, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के निर्माण को बनाये रखने में मदद करता है। इन कोशिकाओं का काम मुख्य रूप से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाना होता हैं। किडनी खराब होने पर EPO हार्मोन का निर्माण कम हो जाता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी (एनीमिया) हो जाती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क और मांसपेशियां थकने लगती हैं, जिससे अत्यधिक थकान (extreme fatigue) महसूस होती है।

2. पेशाब (Urine) में बदलाव

विशेषज्ञो का कहना है की यह किडनी की सेहत का direct संकेत है।

किडनी की बीमारी के 10 संकेत
किडनी की बीमारी के 10 संकेत
  • बार-बार पेशाब आना: खासकर रात के समय।
  • पेशाब का रंग बदलना: पेशाब का रंग गहरा पीला या brownish होना। कभी कभी इसमें खून भी आ सकता है।
  • झागदार पेशाब: पेशाब में बुलबुले बनना और झाग जैसा दिखना, जो की प्रोटीन (Albumin) के leakage का संकेत हो सकता है।
  • पेशाब करने में तकलीफ: पेशाब करते समय दर्द या जलन होना।

क्यों होता है? किडनी के फिल्टर damage होने पर किडनी हमारे शरीर के प्रोटीन और रक्त कोशिकाओं को रोक नहीं पाता है, जो पेशाब के माध्यम से leak होने लगते हैं। साथ ही, किडनी पेशाब को जमा करने या रोकने (concentrate) की क्षमता खो देती है।

3. शरीर में सूजन (Edema)

क्या है? पैरों, टखनों, हाथों, चेहरे और आंखों के आसपास सूजन होने लगता है।

क्यों होता है? यदि किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाये तो शरीर से अतिरिक्त नमक और पानी को बाहर निकालने की क्षमता कम हो जाती है। और यह अतिरिक्त fluid शरीर के tissues में जमा होने लगता है, जिससे शरीर में सूजन (Edema) की समस्या दिखाई देती है। आंखों के आसपास होने वाली सूजन इस बात का संकेत है कि किडनी बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन को शरीर से बाहर निकाल रही है।

4. सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath)

क्यों होता है? सांस लेने में होने वाली परेशानी के दो मुख्य कारण हो सकते हैं:

  • फेफड़ों में fluid जमा होना: जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो शरीर में अतिरिक्त पानी जमा होने लगती है, वही पानी जब फेफड़ो में जाने पहुंचने लगती है तो सांस लेने में समस्या होने लगती है।
  • एनीमिया: एनीमिया होने पर शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने लगती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है ऐसे में थोड़ा सा भी चल देने पर सांस फूलने लगती है।

5. त्वचा में रूखापन और खुजली (Itchy Skin)

क्यों होता है? किडनी का मुख्य काम blood में waste products को फ़िल्टर करना है। ऐसी स्थिति में जब किडनी fail हो जाती है, तो ये waste products (जैसे फॉस्फोरस) blood में ही घुलने लगती है जिससे ब्लड गन्दा होने लगता है। यही toxins त्वचा में जाकर sever itching और रूखेपन को बढ़ावा देती है। यह खुजली नार्मल खुजली की तरह नहीं होती है और अक्सर लगातार बनी रहती है।

6. मतली, उल्टी और भूख कम लगना

क्यों होता है? जब किडनी रक्त से waste products को सही तरह से फ़िल्टर नहीं कर पाती है तब हमारे शरीर में यूरिया जैसे toxins अधिक मात्रा में शरीर में बढ़ने लगते है। जिसके कारण मितली आना, उल्टी होना और खाने की इच्छा में कमी होने लगती है। इससे weight loss होने की संभावना बनी रहती है। अक्सर लोग इसे सामान्य अपच समझ कर अनदेखा कर देते है, जो बहोत घातक हो सकता है।

7. मुंह में धातु जैसा स्वाद या सांसों में बदबू

क्यों होता है? जब ब्लड में यूरिया अधिक मात्रा में बढ़ जाता है तो यह यूरिया saliva में प्रवेश करने लगती है। यूरिया, saliva में मौजूद बैक्टीरिया द्वारा अमोनिया में break down होता है, जिसले कारण मुँह में धातु जैसा (metalic) स्वाद आने लगता है और कभी-कभी सांसो से ammonia जैसी दुर्गंध आ सकती है। जिस वजह से खाने का स्वाद जाता है, खासकर meat जैसी protein-rich चीजों से घृणा होने लगता है।

8. ठंड लगना (Feeling Cold All the Time)

क्यों होता है? किडनी की बीमारी से जब अनिमिआ होता है तो ठंढ अनुभव होता है। जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है तो शरीर में गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में यदि व्यक्ति गर्म तापमान वाले जगह पे भी हमेसा ठंढ लगती रहती है।

9. पीठ के निचले हिस्से में दर्द

क्या है? किडनी मनुष्य के शरीर में पीठ के निचले हिस्से में, पसलियों के ठीक ठीक नीचे स्थित होता हैं। अक्सर इस दर्द को लोग सामान्य back pain समझ कर इग्नोर कर देते है।

क्यों होता है? मुख्यतः यह दर्द किडनी में infection (पायलोनेफ्राइटिस), स्टोन, या किडनी के गंभीर रूप से डैमेज होने की वजह से हो सकता है। kidney pain usually sides (flanks) में होता है जो की dull और constant हो सकता है या फिर गंभीर और ऐठन के सकता है।

10. मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle Cramps)

क्यों होता है? किडनी का मुख्य काम मानव शरीर में electrolytes (जैसे calcium, phosphorus) के स्तर को banance करना होता है। जब किडनी का रोग होता है तो इन electrolytes का संतुलन बिगड़ने लगता है। इसके साथ ही तंत्रिकाओं को भी नुकसान (neuropathy) होने का खतरा बढ़ जाता है। इन दोनों ही समस्याओ के कारण मासपेशियो में दर्दनाक ऐंठन होने लगती है, मुख्य रूप से पैरो में ज्यादा दर्द होता है।

अगर आपको ये लक्षण दिखें तो क्या करें?

किडनी की बीमारी के 10 संकेत में कोई भी किडनी के बीमारी का निश्चित संकेत नहीं है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति में इन सभी लक्षणों में से एक से अधिक लक्षण दिखाई रहे हो तो बिना किसी देर के जांच करवाए।

  • तुरंत डॉक्टर से सलाह लें: यदि आपको भी किडनी की बीमारी के 10 संकेत से कोई भी संकेत दिखाई दे तो अपने नजदीकी किसी किडनी रोग विशेषज्ञ (nephrologist) से मिले।
  • ब्लड टेस्ट: सेरम क्रेअटिनिंग टेस्ट करवाए, ये टेस्ट करवाने से GFR (Glomerular Filtration Rate) का पता आसानी से चलता है। जो किडनी के काम करने की क्षमता को बताता है।
  • यूरिन टेस्ट: किडनी की बीमारी के 10 संकेत मिलने पर मूत्र की नियमित जांच (Urine Routine Examination)और इसके साथ ही ACR (Albumin-to-Creatinine Ratio) टेस्ट भी कराए जिससे पता चल सके की पेशाब के साथ ही प्रोटीन तो नहीं लीक हो रहा है।
  • बीपी और शुगर कंट्रोल करें: high blood pressure और diabetesज्यादातर इन्ही दो बड़े करनो से किडनी ख़राब होने का खतरा होता है। इस लिए इन्हे नियंत्रण रखना आवश्यक है।
  • स्वस्थ lifestyle अपनाएं: पानी भरपूर मात्रा में पिए, नमक का सेवन कम करे और नियमित रूप से एक्सरसाइज करते रहे।

 

निष्कर्ष: किडनी की बीमारी लम्बे समय तक चलने वाली और गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन यदि सुरु में ही किडनी की बीमारी के 10 संकेतो (10 signs of kidney disease) को पहचान कर इलाज किया जाए तो इसपर कंट्रोल किया जा सकता है। यदि आपको भी ऐसे किडनी की बीमारी के 10 संकेत मिलते है तो इन्हे कभी अनदेखा न करे।

Disclaimer: यह लेख (किडनी की बीमारी के 10 संकेत) केवल सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है और इसे किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प न समझे। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है।

 

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